पर सच्चाई हा छै कि वानु हेक बेहतर देशा ची इच्छा हुती, जको स्वर्ग़ देश छै। ऐवास्ते नरीकार वांचा नरीकार किहवावणे मां ना लज़ावी, कांकि नरीकारा ने ही वांचे वास्ते हेक शहर तियार करला।
ऐवास्ते जरुरी छै कि, स्वर्ग़ीय चीजा चा प्रतिरुप, येही बलिदाना चे जरिये शोद्ध करले जाओ, पर स्वर्ग़ीय चीजा यांची तुलना मां उत्तम बलिदाना चे जरिये शोद्ध करलीया जई।
वांचे महु हर-हेक नु चिट्टी ओढ़णी ङिली गेली, ते वानु केहले गेले कि, “नेरा थोड़ी देर तक आराम करा, जब तक कि तम्चे लारे चे दास ते भऊ जको तम्चे आलीकर मरीजणे आले छी, वांची वी गिणती पुरी ना हुती गिहो।”