6 जानु नरीकारा चा वचन सुणाला गेला ओनु चाही छै कि, जको उत्तम चीज ओकनु छै, ओचे मां आपणे वचन सुणावणे आले साथी नु आपणा हेंस्सेदार बणाती गिहो।
मार्ग़ा चे वास्ते ना झोली राखजा, ते ना ङोन चोले, ना जुत्तीया ते ना ङांग चवा, कांकि मजदूरा नु ओचे खाणे मिलणे चाही छै।
ताकि तु ईं जाणती गे कि वे बाता जाई तनु शिक्षा ङिली गेली, किवें अटल छी।
आच्छे तां लाग़ले, पर वे वांचे कर्जदार वी छी, कांकि अगर नेरीया जातिया वांचीया आत्मिक बाता मां शामिल हुले तां वांचे वास्ते वाजिब छै कि, संसारिक चीजा लारे वांची सेवा करा।
कि तु वचन चा प्रचार कर, समय बे समय काम करने चे वास्ते तियार रेह, हर-तरीके चा सब्र, ते शिक्षा चे लारे उलाहणा ङे, ते दड़का ते बढ़ावा ङिती कर तसल्ली लारे समझा।