कांकि जिसे बेले तम्हानु कुई दास बणाती गिहे, जा ते खाती जाये, जा फसाती गिहे, जा आपणे आप नु बङे बणावे, जा तम्चे मुँहा उपर थप्पड़ मारे, ते तम्ही सहन करती गिहा वी।
कांकि मनु ङर छै कि, कङी इसड़े ना हो कि, मैं आती कर जिसड़े चाहवे, उसड़े तम्ही ना लाभा, ते मनु वी जिसड़े तम्ही ना चाहवा उसड़े ही ङेखा कि, तम्चे मां झग़ड़ा, डाह, गुस्सा, विरोध, ईर्ष्या, चुग़ली, अंहकार ते व्यवस्था ठीक ना हो।
चौकस रिहा कि कुई तम्हानु ओह भौतिक ज्ञान ते बेकार धोक्के लारे शिकार ना करती गिहो, जको बन्दा ची परम्परा ची मत्त ते संसारा ची बुरी आत्मा ची शिक्षा चे अनुसार छै, पर मसीह चे अनुसार कोनी।