तम्ही आपणे ब़ा शैताना ची ऊलाद्ध छिवा, ते आपणे ब़ा ची इच्छा नु पुरी करने चाहवा। ओ तां शुरु कनु हत्यारा छै, ते सच्च उपर कोनी रुकला, कांकि सच्च ओचे मां छै ही कोनी। जिसे बेले ओ कूड़ मारे, तां आपणे सुभाव लारे ही कूड़ मारे, कांकि ओ कूड़ा छै, बल्कि कूड़ा चा ब़ा छै।
व्यभिचार करने आले, पुरुषगमन करने आले, बन्दा नु बेचणे आले, कूड़ मारणे आले, ते कूड़ी कसम खाणे आले, ते याहनु छोड़ती कर खरे उपदेश चे सारे विरोधीया चे वास्ते ठहराली गेली।
ये वजह कनु जबकि ग़वाहा ची इसड़ी बङी भीड़ अम्हानु घेरले आले छै, तां आवा, हर हेक रोकणे आली चीज ते उलझाणे आले पापा नु दूर करती कर, वा द्रोड़ जिसे मां अम्हानु द्रोड़ने छै, धीरज लारे उग़ते बधते जऊं,
ऐवास्ते, सारी मलिनता ते बैरभाव ची बढ़ोतरी नु दूर करती कर, ओ वचना नु नरमाई लारे ग्रहण करती गिहा, जको दिला मां राहला गेला ते जको तम्ची जानी चा उद्धार कर सग़े।
पर कायर, ते अविश्वासी, ते घिनौने, ते हत्यारे, ते व्यभिचारी, ते जादू-टूणे करने आले, ते मूर्तिपूजक, ते सारे कूड़ मारणे आला चा हेंस्सा वे झीली मां मिली, जको जाखते ते गन्धक लारे ब़लती रिहे, हा ङुजी मौत छै।”