“हे ब़ा, मैं चाहवे कि जानु तु मनु ङिले जिठे मैं छै ओठे वे वी माये लारे हो, कि वे माई वा महिमा ङेखो, जको तु मनु ङिली कांकि तु संसारा ची उत्पत्ति चे पेहले माये लारे प्रेम राखला।
हे प्यारे, हमा वी अम्ही नरीकारा ची ऊलाद्ध छिऊं, ते हमा तक हा प्रकट कोनी हुले कि आणे आले समय मां अम्ही का कोच्छ हुं! इतने जाणु कि जिसे बेले ईशु मसीह प्रकट हुवी ते अम्ही ओचे समान हुती जऊं, कांकि ओनु उसड़े ही ङेखु जिसड़ा ओ छै।
“जाये कान हो वे सुणती गिहो, कि आत्मा कलीसिया नु का किहे पला। “जको जीतती जई, मैं ओनु ओ जीवन चे दरख्ता कनु जको नरीकारा चे स्वर्ग़ लौक मां छै, फल खाणे नु ङी।
बल्ति ओ स्वर्ग़दूता ने मनु बिल्लौर जिसड़ी शीशे आलीकर झलकती हुली, जीवन चे पाणीया ची नदी ङिखाणली। जको नरीकार ते मैमणे चे सिंहासन कनु निकलती कर ओ शहरा ची सड़के चे आधी मां बेहती।