पर वानु लिखती भेज़ा कि, मूर्तिया उपर चढ़ले आले खाणे तम्हानु नी खाणे चाही छै। ते आपणे आप नु व्यभिचार कनु बचाली राखा। गिच्ची घुटले आली मवेशी चा मांस खाणे कनु दूर रिहो ते वांचे लुहीं ना पीयो।
जबकि तम्ही मसीह चे लारे संसारा ची शिक्षा ची तरफा कनु मरती गेले, तां बल्ति वांचे समान जको संसारा मां जीन्दगी बितावी ते बन्दा ची आज्ञा ते शिक्षा चे अनुसार।
बदड़ली आली विचित्र प्रकार ते अणजाण शिक्षा चे बहकावे मां ना बहकजा। दिला वास्ते सही छै कि ऊं अनुग्रह चे जरिये मजबूत करले जाओ, ना कि खाणे चे चीजा जरिये, खान-पान चे सम्बन्धी प्रथा चे जरिये काये भले कोनी हुले।
हे माये भऊ, हेके ङुजे ची बदनामी ना करा। जको आपणे भावां ची बदनामी करे, जा ते बल्ति आपणे भावां उपर दोष लावे, ऊं व्यवस्था ची बदनामी करे। ते ऊं व्यवस्था उपर दोष लावे, ते तम्ही व्यवस्था उपर टुरणे आले कोनी, पर न्यां करने आले बणती जावा।