“जिसे मूसा नु वाणे ईं केहती कर नकारले हुते, ‘तनु केहणे अम्चे उपर अधिपति ते न्यायधीश ठहराले?’ ओनु ही नरीकारा ने अधिपति ते छुड़ावणे आला ठहराती कर, ओ स्वर्ग़दूता चे जरिये जेह्णे ओनु झाड़ी मां दर्शन ङिला हुता, भेज़ले।
तां व्यवस्था कां ङिली गेली? वा तां पापा ची वजह बादा मां ङिली कि ओचे वंशा चे आणे तक रिहो, वायदा हेक बिचोलीये चे रुप मां मूसा ची सहायता लारे स्वर्ग़दूता चे जरिये ङिली।
कांकि नरीकारा चा वचन जीता, प्रबल, ते ङुंहु धारी तलवारी कनु वी तेज छै, जको अम्चे भीतर जती कर अम्ची आत्मा, प्राण नु जोड़ा नु ते गूदे-गूदे नु अलग़ करती कर, आर-पार छैदती ङिये ते मना चे भावना ते विचारा नु जांचे।
समय चे अनुसार तां तम्हानु गुरु हुती जाणे चाही हुते, तां वी ईं जरुरी छै कि कुई तम्हानु दुबारा नरीकारा चे वचना ची शुरु ची शिक्षा बल्ति कनु सिखाओ। तम्ही तां इसड़े हुती गेले कि तम्हानु अन्न चे बदले हमा तक ङूध ही चाही छै।