33 ईं सुणती कर वे ब़लु पड़ती गेले, ते प्रेरितां नु मारती नाखणे चाह्ले।
तां विचे घरा आले यूसुफ ने जको धर्मी हुता ते विनु बदनाम करने ना चाहवे ला, विनु चोप-चाप करती कर छोड़ने ची सोचली।
“भऊ भावा नु, ते ब़ा पूता नु, मारणे वास्ते सोंपे, ते ब़ाले आई-ब़ा चे विरोध मां खड़े हुती कर वानु मरवाती नाखे।
चैले, गुरु चे ते दास चे मालिक चे बराबर हुवणे ही ब़ोहत छै। जब वाणे घरा चे मालिक नु शैतान, केहले तां ओचे घरा आला नु का कोच्छ नी किहे।
“तब वे क्लेश ङेणे चे वास्ते तम्हानु पकड़वावे, ते तम्हानु मारती नाखे, ते माये नांवा ची वजह कनु सारीया जातिया चे लौक तम्चे लारे बैर राखे।
वेही घड़ी शास्त्रीया ने ते प्रधान याजका ने ओनु पकड़ने चाह्ले, कांकि वे समझती गेलते कि ओणे अम्चे उपर हा मिसाल केहली, पर वे लौका कनु ङरले।
पर फरीसी ते शास्त्री आपे कनु ब़ाहर हुती कर आपस मां विवाद करु लाग़ले कि, “अम्ही ईशु चे लारे का करु? ”
जको बात मैं तम्हानु केहली हुती, ‘दास आपणे मालिक कनु बङा ना हुवी,’ विनु याद राखा। अगर वाणे मनु सताले, तां तम्हानु वी सतावे, अगर वाणे माई बात मनली, तां तम्ची वी मने।
वे तम्हानु प्राथनाघरा महु काढ़ती छोड़े, ओ समय आवे पला कि जको कुई तम्हानु मारती नाखी ओह समझी कि ‘मैं नरीकारा ची सेवा करे पला।’
बल्ति सुणने आला चे मना नु ठेस लाग़ली, ते वे पतरस ते नेरा प्रेरितां कनु पूछु लाग़ले कि, “हे भऊ, अम्ही का करु?”
इठे तक कि वे लौक जको पौलुस चा बाता सुणी पलते तब ऊंची अवाजी लारे रौल मचाती कर केहले कि, “इसड़े इन्साना नु मारती नाखा, ऐचे जीते रेहणे ठीक कोनी।”
ये बाता सुणती कर महासभा चे लौक ब़लती गेले ते स्तिफनुस चे उपर ङांत पीसु लाग़ती गेले।
जिसे बेले घणी ङिहें गुजरती गेली, तां यहूदिया ने मिलती कर ओची मारती नाखणे ची जुग़त काढ़ली।