10 ओनु पिछाणती गेले हा ओही छै, जको मन्दरा चे सुन्दर फाटका उपर ब़ेसती कर भीख मांगता, वे घटना लारे जको ओचे लारे हुली हुती वे बन्दी ब़ोहत हैरान ते चकराती गेली।
ऐचे उपर सब नु अचम्भा हुला, ते वे आपस मां बाता करती कर किहुं लाग़ले, “हा किसड़ा वचन छै? कांकि ओ अधिकार ते सामर्थ चे लारे अशुद्ध आत्मा नु आज्ञा ङिये ते वे निकलती जई।”