22 पर तम्हानु कनु माई हा विनती छै कि हिम्मत ना छोड़ा पर तसल्ली राखा, कांकि तम्चे महु काया वी जान नी जई, पर जहाजा चा नुकसान हुवी।
ओही राती नु प्रभु ने पौलुस चे गोढु आती कर केहले कि, “हिम्मत राख, कांकि जिसड़ी तु यरुशलेम मां माई ग़वाही ङिली, यूंही करती कर तनु रोम मां वी ग़वाही ङेणी पड़ी।”
ऐवास्ते, हे सज़्ज़ण, हिम्मत राखा। कांकि मैं नरीकारा उपर विश्वास राखे, कि जिसड़े मनु बावड़ले गेले, उसड़े ही हुवी।
ते पौलुस ने सूबेदारा ते सिपाहीया नु केहले कि, “अगर मल्लाह जहाजा उपर नी रिहे तां, तम्ही वी नी बच सग़ा।”
ऐवास्ते तम्हानु समझावे कि तम्ही कहीं खाती गिहा, जाये कनु कि तम्ही जीते रिहा। कांकि तम्चे महु काया ठोङा चा माल तक वी ङिंगा नी हुवी।”
बल्ति वे सारे वी हिम्मत ब़ांथी खाणे खऊं लाग़ले।
ते बाकि लौक जहाजा चे फट्टा उपर, ते ब़ेसती कर ते कुई नेरीया चीजा लारे निकलती जाओ।” ते यूं करती हर कुई भोंये उपर बचती निकलती गेले।