जिसे बेले वे तम्हानु पकड़वावे तां हा चिन्ता ना करजा कि अम्ही केस रीति लारे जा का किहुं। कांकि जको कोच्छ तम्हानु केहणे हुवी, ऊं तम्हानु वेही घड़ी बावड़ले जई।
“जिसे बेले लौक तम्हानु प्राथनाघरा ते हाकिमा ते अधिकारीया चे सामणे गेहती जाये, तां चिन्ता ना करजा कि अम्ही केस रीति लारे, जा का उत्तर ङिऊं, जा का किहुं।
पर यां सब बाता कनु पेहले वे माये नांवा ची वजह तम्हानु पकड़े, ते सतावे, ते प्राथनाघरा मां सोंपे, ते कैदखाने मां नखवावे, ते राजा ते हाकिमा चे सामणे गेहती जाये।
पर मैं तां ऐचे बारे मां कुई वी कसूर कोनी सोहला कि सम्राट राजे नु कहीं लिखे, ऐवास्ते मैं तम्चे सामणे, ते हे राजा अग्रिप्पा खास करती कर दुधे सामणे गेहती आला कि, कहीं जांच-पड़ताल चे बाद मनु लिखणे वास्ते कहीं मिली।
जाये सामणे मैं बेधड़क हुती कर ब़ोले पला, यां बाता नु राजा अग्रिप्पा वी जाणे, ते मनु विश्वास छै, कि यां बाता महु कुई वी बात ओकनु लुकली कोनी पली, कांकि वा घटना तां कुई कूणे मां कोनी हुली।
खास करती कर ऐवास्ते कि तु यहूदिया चे सारे रिति-रिवाज ते विवाद चे बारे मां आच्छी तरावें जाणी। ऐवास्ते मैं दुधे कनु विनती करे पला कि माई बाते नु तसल्ली लारे सुणती गे।
ओही वायदे चे पुरे हुवणे ची आस लाले हुले, अम्चे ब़ारहा गोत्र आपणे सारे मना लारे रात-ङिओ नरीकारा ची सेवा करते आले। हे राजा, येही आस चे बारे मां यहूदी माये उपर दोष लावी पले।