27 कांकि माये वास्ते हा गलत छै कि कुई वी बन्दे नु ओचे उपर लाग़ले गेले दोष चे बारे मां बिना पता काढ़ले चिठ्ठी लिखती कर आग़ु भेज़ती ङेणे।”
“का अम्ची व्यवस्था कुई वी बन्दे नु जब तक पेहले ओची सुणती कर जाणती ना गिहो कि ओ का करे पला, दोषी ठहरावे?”
पर मैं तां ऐचे बारे मां कुई वी कसूर कोनी सोहला कि सम्राट राजे नु कहीं लिखे, ऐवास्ते मैं तम्चे सामणे, ते हे राजा अग्रिप्पा खास करती कर दुधे सामणे गेहती आला कि, कहीं जांच-पड़ताल चे बाद मनु लिखणे वास्ते कहीं मिली।
अग्रिप्पा ने पौलुस नु केहले कि, “तनु आपणे बारे मां केहणे ची अनुमति छै।” तब पौलुस ने हाथ ऊंचा करती कर आपणे बचाव चे बारे मां किहुं लाग़ला,