6 “जिसे बेले मैं चलते-चलते दमिश्क चे गोढु पुज़ला, तां इसड़े हुले कि, ङुपाहरा चे लगभग अचानक आसमाना कनु माये चारो-तरफ सोज़ले चमकले।
ओठे वांचे सामणे ईशु चा रुप बदलती गेला, ते ओचे मुँह सूरजा आलीकर चमकले ते ओची ओढ़णी सोज़ले आलीकर चिट्टी हुती गेली।
ते मैं भोंये उपर ढेती पला, ते हा अवाज सुणली, ‘हे शाऊल, हे शाऊल, तु मनु कां सतावी पला?’
बल्ति ओठे बङी अफरा-तफरी मचती गेली, फरीसिया ची ओर कनु कोच्छ शास्त्री खड़े हुती कर झग़ड़ते हुले हा किहुं लाग़ले कि, “अम्ची नजर मां ईं बन्दे बेकसूर छै, अगर हो सग़े कि कुई पवित्र आत्मा ने जा खौद्द स्वर्ग़दूत ने ही ओचे लारे बातचीत करली हो।”
ओ सबकनु बाद मनु वी ङिसला। मैं अधूरे ङिहां चे जमले आले ब़ाला आलीकर छै।
ओ आपणे सज़्ज़े हाथा मां सात तारे चले आला हुता ते ओचे मुँहा महु तेज ङुंहु धारी तलवार निकले पलती। ओचे मुँह इसड़े चमके पलते जिंवे सूरज तेज चिटके आलीकर चमकेवे।