13 ते भिले रेहती कर मनु केहले, ‘हे भऊ शाऊल, बल्ति कनु ङेखु लाग़।’ ओही बेले माया आँख खुलती गेलीया ते मैं ओनु ङेखले।
पर ओनु बल्ति सेवक जिसड़ा कोनी पर सेवक कनु वी बढ़ती कर खास करती माये वास्ते ओह प्यारा भऊ जिसड़ा छै, पर दुधे वास्ते काया मैं सेवक ते प्रभु मां भऊ कनु बढ़ती कर छै।