“ये बाते चे वास्ते महायाजक ते सारे बङके ग़वाह छी, कि वांचे कनु, मैं भावां चे नांवा उपर चिठ्ठीया गेहती कर दमिश्क नु जाये पलता, कि जको ओठे हो वानु वी ङण्ड ङिवाणे चे वास्ते ब़ांथी कर यरुशलेम गेहती आवे।
जाये सामणे मैं बेधड़क हुती कर ब़ोले पला, यां बाता नु राजा अग्रिप्पा वी जाणे, ते मनु विश्वास छै, कि यां बाता महु कुई वी बात ओकनु लुकली कोनी पली, कांकि वा घटना तां कुई कूणे मां कोनी हुली।