34 कोच्छ बन्दी पौलुस लारे मिलती गेली, ते प्रभु उपर विश्वास करला, जाये मां अरियुपगुस पंचेती चा सदस्य दियुनुसियुस, ते दमरिस नांवा ची हेक असतरी, ते वांचे लारे नेरी वी कोच्छ बन्दी हुती।
“यूं करती जको भांसु छी, वे पेहले हुवे, ते जको पेहले छी, वे भांसु हुवे।”
ईं सुणती कर नेरीया जातिया आले खौश हुले, ते नरीकारा चे वचना ची बढ़ाई करु लाग़ले, ते जितने अनन्त जीवन वास्ते ठहराले गेले हुते, वाणे विश्वास करला।
ऐवास्ते वे पौलुस नु अरियुपगुस पंचेत घरा मां गेहती गेले ते ओकनु पूछु लाग़ले, “का अम्ही जाण सग़ु, दुधे जरिये ङिली गेली हा नवीं शिक्षा का छै? का तु अम्हानु समझावे?
बल्ति पौलुस अरियुपगुस शहर चे बीच मां भिले रेहती कर केहले कि, “हे एथेंस शहरा चे लौक, मैं ङेखे पला कि तम्ही हर बाते मां देवता नु बङे मनणे आले छिवा।
ओही बेले पौलुस वांचे महु चाह्ला गेला।
वांचे महु कईयां ने, ते नरीकारा कनु ङरणे अणगिणत यूनानी बन्दी, ते ऊंचे कोल्ल चा असतरीया ने वी मनती गेले, पौलुस ते सीलास लारे मिलती गेले।
नरीकारा चे सब पवित्र लौक, खास करती कर जको कैसर राजे चे घराणे चे छी, तम्हानु नमस्कार किही पले।