40 पौलुस ते सीलास कैदखाने महु निकलती कर लीदिया चे घरे गेले। ते विश्वासी भावां लारे मिलती कर वांची हिम्मत ब़न्धवाली ते वानु तसल्ली ङिली, ते उठु वे टुरती पले।
ते वे चैला चे मना नु मजबूत करते रेहले ते हा उपदेश करते कि विश्वासा मां बणले रिहा, ते ईं केहते कि, “अम्हानु बङे क्लेश भोग़णे जरुरी छै नरीकारा चे राज़ मां जाणे वास्ते।”
लुदिया नांवा ची थुआथीरा शहरा ची हेक असतरी प्रभु उपर विश्वास राखणे आली हुती। वा मंहगी बैंजनी रंगा ची ओढ़णी बेचणे आली हुती वा बङे ध्यान लारे अम्चीया बाता सुणे पलती। प्रभु ने विचे मना चे दरवाजे खोलती ङिले ताकि, जको कोच्छ पौलुस किहे पलता, वा बाता नु ध्यानारीत सुणो।