14 पर पतरस ने केहले, “ना प्रभु, कङी ना, कांकि मैं कङी कुई अपवित्र जा अशुद्ध चीज कोनी खाली।”
जको मुँहा मां जाये, ऊं इन्साना नु अशुद्ध ना करी, पर जको मुँहा महु निकले, ऊंही इन्साना नु अशुद्ध करे।”
ऐचे उपर पतरस ओनु अलग़ गेहती कर झिड़कु लाग़ला, “हे प्रभु, नरीकार ना करो! दुधे लारे इसड़े कङी नी हुवी!”
“पर सियाणीया ने उत्तर ङिला, ‘हो सग़े अम्चे ते तम्चे वास्ते पुरे ना हो, भले तां ईं छै कि तम्ही बेचणे आला गोढु जती कर आपणे वास्ते मोल गेहती आवा।’
ते ङेखा, हेक कोहड़ी, गोढु आतीकर ओनु प्रणाम करले ते केहले, “हे प्रभु, अगर तु चाहवी, तां मनु शोद्ध कर सग़ी।”
ते वाणे ओचे कोच्छ चैला नु अशुद्ध यानिकि बिना हाथ धोले रोटी खाते ङेखले।
पर ओची आई ने उत्तर ङिला, “ना, ऐचे नां यूहन्ना राखा।”
असतरी ने ओनु केहले, “हे गुरु जी, दुधे कनु पाणी भरने वास्ते कहीं छै वी कोनी खुऊ घणा झिका छै। तां बल्ति ऊं जीवन चे पाणी दुधे कनु किवें हो सग़े?
ओनु हेक इसड़ी अवाज सुणीली, “हे पतरस, ऊठ, मार ते खा।”
“तम्ही जाणा, कि नेरीया जातिया लारे संगति राखणी या वांचे ओठे जाणे यहूदी वास्ते अधर्म छै, पर नरीकारा ने मनु बावड़ले कि कुई बन्दे नु अपवित्र जा अशुद्ध ना किहे।
“मैं उत्तर ङिला, ‘हे प्रभु, तु कूण छी?’ “ओणे केहले, ‘मैं ईशु नासरी छै, जानु तु सतावी पला।’
शाऊल ने पूछले, “हे प्रभु, तु कूण छी?” ओणे केहले, “मैं ईशु छै, जानु तु सतावी।