9 हमा मैं खौश छै पर ऐवास्ते कोनी कि तम्हानु ङोख हुले, बल्कि ऐवास्ते कि तम्ही ओ ङुखा चे वजह मन फिराले। कांकि तम्चे ङोख नरीकारा ची इच्छा चे अनुसार हुते, कि अम्चे तरफु तम्हानु कुई बाते मां नुकसान ना पुज़ो।
“मैं तम्हानु किहे पला कि यूंही करती कर हेक मन फिरावणे आले पापीया चे बारे मां वी स्वर्ग़ा मां इतनी ही खुशी हुवी, जितना कि वां निन्याणवे इसड़े धर्मीया चे बारे मां नी हुवी, जानु मन फिरावणे ची जरुरत कोनी।
कांकि अम्ही आपणे विवेक ची, ये ग़वाही उपर घमण्ड करु, कि दुनिया मां ते खास करती तम्चे बीच मां, अम्चा व्यवहार नरीकारा चे जरिये ङिली गेली पवित्रता ते सच्चाई सहित रेहला, जको संसारिक ज्ञान चा कोनी, पर हेको नरीकारा चे अनुग्रह चा नतीजा हुता।
जको नाश हुवी पले, वांचे वास्ते अम्ही मौत ची भयानक बद्दबू छिऊं। जको उद्धार गेहणे आले छी वांचे वास्ते अम्ही जीन्दगी ची खुश्बु छिऊं। पर काये मां छै इसड़े काम करने ची काबलीयत?
कांकि अगर मैं आपणी चिठ्ठी लारे तम्हानु ङुखी करले, पर ओचे कनु ना पछतावी जिंवे कि पेहले पछताता। कांकि मैं ङेखे, कि वे चिठ्ठी लारे तम्हानु ङोख तां हुले पर ऊं थोड़ी देरी वास्ते हुते।