ते कङी इसड़े ना हो कि जिसे बेले मैं पुठा आवे, माया नरीकार माई बेइज्जती करो ते मनु घणा वास्ते बल्ति कनु ङोख चवणा पड़ो, जेह्णे पेहले पाप करला हुता, ते वे गन्दी कामे, ते व्यभिचार, ते लोचपण कनु, जको वाणे करले मन कोनी फिराले।
हमा मैं खौश छै पर ऐवास्ते कोनी कि तम्हानु ङोख हुले, बल्कि ऐवास्ते कि तम्ही ओ ङुखा चे वजह मन फिराले। कांकि तम्चे ङोख नरीकारा ची इच्छा चे अनुसार हुते, कि अम्चे तरफु तम्हानु कुई बाते मां नुकसान ना पुज़ो।
तम्हानु पता ही छै कि ओचे बाद जब ओणे वा आशीष दुबारा गेहणी चाह्ली, ओनु नालायक समझले गेले। बल्ति ओणे हींजवे बाहती कर वे आशीष नु गेहणे चाह्ले, पर पश्चयाताप करने चा मौका नी मिड़ला।