कांकि मैं ओ अनुग्रह चे वजह जको मनु मिड़ला, तम्चे महु हर-हेक नु किहे पला, कि जिसड़े समझणे चाही छै, ओचे कनु बढ़ती कर आपणे-आप नु ना समझो, पर जिसड़े नरीकारा ने हर-हेक नु काबलीयत चे अनुसार बांटती ङिले, उसड़े ही ओचे अनुसार आपणे-आप नु समझणे चाही छै।
बल्ति मैं जको तम्चे वास्ते चिठ्ठी लिखली हुती, वा ना ऐवास्ते लिखली, जेह्णे अन्याय करला, ते ना ओची वजह कनु जाये उपर अन्याय करला गेला, पर ऐवास्ते कि तम्ची चिन्ता जको अम्चे वास्ते छै, वा नरीकारा चे सामणे तम्चे उपर उजागर हुती जाओ।