“मैं अंगूरा ची बल्ह छै, तम्ही लड़ीया छिवा। अगर तम्ही माये मां बणले रिहा ते मैं तम्चे मां, ते ओ घणा फल फले। कांकि तम्ही माये कनु अलग़ हुती कहीं वी ना कर सग़ा।
कांकि वां बाता नु छोड़ती कर मनु नेरी कुई बात केहणे ची हिम्मत कोनी, जको मसीह ने नेरीया जातिया नु नरीकारा ची अधीनता स्वीकार करने वास्ते माये वचन, ते कर्म,
नरीकारा चे ओ अनुग्रह चे अनुसार मैं ब़ुध्दिमान मिस्त्रीया आलीकर नीम घाली ते ङुजे ने ओचे उपर रद्दा मेहले पला, पर हर हेक इन्सान चौकस रिहो, कि ओ ओचे उपर किसड़ा रद्दा मेहले पला।
जको नाश हुवी पले, वांचे वास्ते अम्ही मौत ची भयानक बद्दबू छिऊं। जको उद्धार गेहणे आले छी वांचे वास्ते अम्ही जीन्दगी ची खुश्बु छिऊं। पर काये मां छै इसड़े काम करने ची काबलीयत?
कांकि हर हेक आच्छा वरदान ते हर हेक आच्छा दान उपर कनु ही छै, ते हा ओ परम ब़ा जेह्णे स्वर्ग़ीय सोज़ले नु पैदा करले जाये मां ना तां कुई बदलाव हो सग़े ते ना अदला बदली ची वजह कनु ओचे उपर छां पड़े।