10 सच्च तां ईं छै नवीं व्यवस्था चे तेज चे सामणे वे पेहली व्यवस्था चा तेज, तेज रेहती ही कोनी गेला।
तां हे राजा, मार्ग़ मां ङुपाहरा चे समय मैं आसमाना कनु सूरजा चे तेज कनु वी बधती कर हेक सोज़ले, आपणे ते आपणे लारे चलणे आला चे चारो तरफ चमकते हुले ङेखले।
अगर ओचा तेज इसड़ा हुता, जको लगातार कम हुवे पलता, तां ओचा तेज जको हमेशा स्थाई छै, ते कितना ज्यादा बधती कर कां नी हुवी?
अगर जब दोषी ठहराणे आली व्यवस्था तेजोमय हुती, तां धर्मी ठहराणे आली व्यवस्था होर वी तेजोमय कां नी हुवी?
कांकि जब ओणे नरीकार ब़ा कनु कद्दर, ते महिमा गेहली ते वे प्रतापमय महिमा महु हा अवाज आली, “हा माया प्यारा पूत छै, जाये कनु मैं खौश छै।”
ते ओठे कङी वी रात नी हुवी, ते वानु ङीवे ते सूरजा चे सोज़ले ची जरुरत नी हुवी, कांकि प्रभु नरीकार वानु सोज़ले ङिही, ते वे हमेशा राज़ करते रिहे।