कांकि मनु ङर छै कि, कङी इसड़े ना हो कि, मैं आती कर जिसड़े चाहवे, उसड़े तम्ही ना लाभा, ते मनु वी जिसड़े तम्ही ना चाहवा उसड़े ही ङेखा कि, तम्चे मां झग़ड़ा, डाह, गुस्सा, विरोध, ईर्ष्या, चुग़ली, अंहकार ते व्यवस्था ठीक ना हो।
ऐह वजह कनु दूर हुते हुले वी मैं तम्हानु ईं सब लिखे पला, कि ओठे मौजुद हुवणे उपर मनु प्रभु चे जरिये ङिला गेला अधिकार चा प्रयोग कठोर भाव लारे ना करना पड़ो। ऐ अधिकार चा मकसद बढोतरी करनी छै, ना कि नाश करने कोनी।
आपणे आप नु परखा कि विश्वास मां छिवा जा कोनी, आपणे आप नु जांचा। का तम्ही आपणे बारे मां ईं ना जाणा कि ईशु मसीह तम्चे मां छै? ना तां तम्ही जांच मां निक्कमे निकड़ले छिवा।
ते अम्ही आपणे नरीकारा कनु हा प्राथना करु कि तम्ही कुई बुराई ना करा, ऐवास्ते ना कि अम्ही भले ङिसु, पर ऐवास्ते कि तम्ही भलाई करा, चाहे अम्ही भले ही निक्कमे ठहरु।