18 कांकि ब़ोहत सारे लौक संसारिक जीवन चे अनुसार घमण्ड करी, ते मैं वी घमण्ड करी।
अम्ही मसीह वास्ते बेवकूफ ङिसु, ताकि तम्ही मसीह मां ब़ुध्दिमान बणा, अम्ही कमजोर छियुं पर तम्ही ताकतवार छिवा। तम्हानु कद्दर मिले, पर अम्ची बेकदरी हुती जाये।
ऐवास्ते मैं जको इच्छा करली हुती तां का मैं चंचलता ङिखाणली? जा जको करने चाहवे कि ऊं शरीरा चे अनुसार करने चाहवे, कि मैं बाते मां “हां, हां” ते “ना, ना” वी करे?
मैं जको करता आवे पला ऊंही करता वी जई, जाये कनु वां लौका नु ये बाते चा गर्व करने चा मौका ना मिलो कि वे प्रचार चे कामा मां माये बराबर छी।
जबकि माये वास्ते घमण्ड करने ठीक कोनी, बल्ति वी करना पड़े। पर मैं प्रभु चे ङिले हुले दर्शन ते प्रकाशना ची चर्चा करी।
मैं मूर्ख तां बणला, पर तम्ही मनु मजबूर करले, तम्हानु नु तां माई बढ़ाई करनी चाही छै, कांकि अगर मैं कोच्छ वी कोनी, तां वी वां प्रेरितां कनु कुई वी बाते मां कम कोनी जानु तम्ही बङे किहा।
ते ओणे मनु केहले कि, “माया अनुग्रह दुधे वास्ते घणा छै, कांकि माई ताकत कमजोरी मां पक्की हुवे।” ऐवास्ते मैं बङी खुशी लारे आपणीया कमजोरीया उपर घमण्ड करी, कि मसीह ची सामर्थ माये उपर छां करती रिहो।
ऐवास्ते हमा अम्ही काया वी संसारिक नजरीये लारे नाप-तोल ना करु। पर अम्ही पेहले मसीह नु इसड़े नापले हुते। पर हमा इसड़ी नाप-तोल कनु दूर छिऊं।
कांकि शास्त्र मां लिखले पले, “हर हेक बन्दे खड़ा चे आलीकर छै, ते ओची सारी शोभा खड़ा चे फूलां चे आलीकर छै, खड़ सूखती जाये, ते फूल झड़ती जाये।