9 तम्ही बुराई चे बदले मां बुराई ना करा। ते ना गालीया चे बदले गालीया काढ़ा, पर ऐचे बदले आशीष ही ङिया। कांकि तम्ही आशीष चे वारिस हुवणे चे वास्ते हकारले गेले।
ते जेह्णे वी घर, जा भावां नु, जा ब़ेहणीया नु, जा ब़ा नु, जा आई नु, जा ब़ाला-ब़च्चा नु, जा खेता नु माये नांवा वास्ते छोड़ती ङिले, ओनु साओ गुणा मिली, ते ओ अनन्त जीवन चा अधिकारी हुवी।
“मैं राजा आपणे सज़्ज़े पासे आला नु किही, ‘हे माये ब़ा ची धन्न बन्दी, आवा, ओ राज़ चे अधिकारी हुती जावा, जको संसार चे शुरुआत कनु तम्चे वास्ते तियार करला आला छै।
जब ईशु उठु कनु निकलती कर मार्ग़ा मां जाये पलता, तां हेक बन्दे ओचे सनु द्रोड़ते हुले आले, ते ओचे आग़ु गोङे टेकती कर ओकनु पूछले, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन चा अधिकारी हुवणे वास्ते मैं का करे?”
ते अम्ही जाणु कि, जको लौक नरीकारा लारे प्रेम राखे, वांचे वास्ते सारीया बाता मिलती कर भलाई ही नु पैदा करी यानिकि वांचे ही वास्ते जको ओची इच्छा चे अनुसार हकारले गेले छै।
तम्हानु पता ही छै कि ओचे बाद जब ओणे वा आशीष दुबारा गेहणी चाह्ली, ओनु नालायक समझले गेले। बल्ति ओणे हींजवे बाहती कर वे आशीष नु गेहणे चाह्ले, पर पश्चयाताप करने चा मौका नी मिड़ला।
हमा नरीकार जको सारे अनुग्रह चा दाता छै, जेह्णे तम्हानु मसीह मां आपणी अनन्त महिमा वास्ते हकारले, तम्चे थोड़ी देरी तक ङोख चवणे चे बाद आप ही तम्हानु सेद्ध ते मजबूत ते बलवन्त करी।