बल्ति ओ थोड़ा नेरा उग़ते बधती कर मुँहा चे भराणे ढेला, ते हा प्राथना करली, “हे माया ब़ा, अगर हो सग़े तां हा मुंगर माये कनु टलती जाओ, तां वी जिसड़े मैं चाहवे उसड़े ना, पर जको तु चाहवी उसड़े ही हो।”
पर ईं केहती कर वांचे कनु विदा हुला कि, “अगर नरीकार चाहवी तां मैं तम्चे गोढु दुबारा आवी।” ते बल्ति ओ इफिसुस शहर छोड़ती कर पाणीया आले जहाजा मां ब़ेसती कर चाह्ला गेला।
पर अगर गन्दे कामा चे वजह तम्हानु कोटले मारले जाये, ते तम्ही ओनु सहन करा तां ते ऐचे मां बढ़ाई ची का बात छै? अगर तम्हानु तम्चे आच्छे कामा चे वास्ते सताले जाये तां नरीकारा चे सामणे बढ़ाई चे लायक छै।