पर जको कुई ओ पाणीया महु पिही जको मैं ओनु ङिही ओह बल्ति कङी तरसेला नी रिही। पर जको पाणी मैं ओनु ङिही ओचे महु हेक स्रोत बणती जई जको अनन्त जीवन तक उमड़ता रिही।”
तम्ही आपणे ब़ा शैताना ची ऊलाद्ध छिवा, ते आपणे ब़ा ची इच्छा नु पुरी करने चाहवा। ओ तां शुरु कनु हत्यारा छै, ते सच्च उपर कोनी रुकला, कांकि सच्च ओचे मां छै ही कोनी। जिसे बेले ओ कूड़ मारे, तां आपणे सुभाव लारे ही कूड़ मारे, कांकि ओ कूड़ा छै, बल्कि कूड़ा चा ब़ा छै।
पर जको कुई आपणे भावां लारे बैर राखे ऊं अन्धकार मां छै, ते अन्धकारा मां टुरे, ते ना जाणी कि मैं किठे जई, कांकि अन्धकारा ने ओचीया आंखीया अन्धीया करती नाखलीया।
पर कायर, ते अविश्वासी, ते घिनौने, ते हत्यारे, ते व्यभिचारी, ते जादू-टूणे करने आले, ते मूर्तिपूजक, ते सारे कूड़ मारणे आला चा हेंस्सा वे झीली मां मिली, जको जाखते ते गन्धक लारे ब़लती रिहे, हा ङुजी मौत छै।”