“अगर दुधा विश्वास करने आला भऊ दुधे, विरोध कुई अपराध करे, ते जती कर ओनु हेकले मां बातचीत करती कर समझा, अगर दुधी सुणती गिहे, बल्ति तु आपणे भावां नु अपनाती गेले।
हमा, मैं तीजा वारी तम्चे गोढु आणे वास्ते तियार छै, ते मैं तम्चे उपर कुई वी वजन नी नाखी, कांकि मैं तम्ची धन-दौलत कोनी, पर तम्हानु नु चाहवे। ब़ाला नु आई-ब़ा चे वास्ते धन भेला नी करना चाही छै, पर आई-ब़ा नु आपणी ऊलाद्धी वास्ते धन भेला करना चाही छै।
हे माये भऊ, तम्ही आजाद हुवणे वास्ते हकारले गेले छिवा, पर इसड़े ना कि ये आजादी नु शरीरा चे कामा चे वास्ते मौका बणावा, बल्कि प्रेमा लारे हेके ङुजे चे दास बणा।
हे घराआलीया तम्ही वी आपणे मुणसा चे वशा मां रिहा। ऐवास्ते कि अगर यांचे महु कुई इसड़े हो जको वचन नु ना मनते हो, तांवी तम्चे भय लारे पवित्र चाल-चलन नु ङेखती कर बिना वचन चे आपणी-आपणी घराआली चे चाल-चलन चे जरिये छिकिती जाओ।