10 अगर काया विवेक कमजोर छै ते ऊं तम्चे जिसड़े ज्ञानी इन्सान नु मूर्तिया चे मन्दरा मां चढ़ावा खाते ङेखती गिहो तां का ओनु वी मूर्ति नु चढ़ाली चीजा खाणे ची हिम्मत नी मिली?
पर वानु लिखती भेज़ा कि, मूर्तिया उपर चढ़ले आले खाणे तम्हानु नी खाणे चाही छै। ते आपणे आप नु व्यभिचार कनु बचाली राखा। गिच्ची घुटले आली मवेशी चा मांस खाणे कनु दूर रिहो ते वांचे लुहीं ना पीयो।
मैं जाणे, ते प्रभु ईशु कनु मनु पक्के हुले कि, कुई चीज आपणे-आप कनु अशुद्ध कोनी, पर जको कुई विनु अशुद्ध समझे, ओचे वास्ते अशुद्ध छै।
पर जको शक्क करती कर खाये, ओ ङण्ड चे लायक ठहरती चुकला, कांकि ओ विश्वास लारे ना खई, ते जको कोच्छ विश्वास लारे कोनी, ओ पाप छै।
तम्ही ना यहूदिया वास्ते, ना नेरीया जातिया ते ना नरीकारा ची कलीसिया वास्ते ठोकर ची वजह बणा।
तां मूर्तिया चे सामणे बलि करली हुलीया चीजा नु खाणे चे बारे मां अम्ही जाणु कि सारे संसारा मां किठी वी मूर्तिया नरीकार कोनी ते हेक चे अलावा नेरा कुई नरीकार कोनी छै।
पर सब नु हा ज्ञान कोनी। पर कई लौक हमा तक मूर्ति नु ईश्वर समझती कर बलि ची चीज नु खई, तां वे सोची अम्ही अशुद्ध हुती गेले कांकि वांचा विवेक कमजोर छै।
पर चौकस रिहा। इसड़े ना हो कि तम्ची हा आजादी किठी कमजोरा वास्ते ठोकर ची वजह ना बणती जाओ।