4 सेर्फ घराआली नु ही आपणे शरीरा उपर अधिकार कोनी पर विचे मुणसा चा अधिकार छै यूंही सेर्फ मुणसा नु वी आपणे शरीरा उपर अधिकार कोनी पर ओची घराआली चा वी छै।
ते मैं तम्हानु किहे पला, कि जको कुई व्यभिचार नु छोड़ती कुई नेरी वजह कनु आपणी घराआली नु त्याग़ती कर ङुजी लारे बीहा करे, ओ व्यभिचार करे, ते जको वे छोड़ली आली लारे बीहा करे, ओ वी व्यभिचार करे।”
मोणस आपणी घराआली चा फर्ज पूरा करो ते यूंही घराआली वी आपणे मुणसा चा।
तम्ही हेके ङुजे कनु अलग़ ना रिहा, पर सेर्फ कोच्छ समय तक आपणी सेहमती लारे कि प्राथना वास्ते समय मिलो ते दोबारा हेक ङुजे लारे रिहा इसड़े ना हो कि तम्चे बेकाबु ची वजह कनु शैतान तम्हानु परखो।