38 ऐवास्ते जको आपणी धूवे चा बीहा करे ओचा निर्णय वी सही छै। अगर जको विचा बीहा ना करने ची धारती गिहे ऊं होर वी सही छै।
पर मैं तम्हानु ईं किहे पला कि जको आपणी घराआली नु व्यभिचार चे सिवाय कुई नेरी वजह कनु तलाक ङिये, तां ओ विकनु व्यभिचार करवावे, ते जको कुई वे त्याग़ली आली लारे बीहा करे, ओ वी व्यभिचार करे।
ऐवास्ते माई समझी मां ईं आच्छे छै कि आज़कल क्लेश चे वजह इन्सान जिसड़े छै उसड़े ही रिहो।
पर अगर ओ मना मां फैंसला करती गिहे ते जेह्णे आपणी धूवे चा बीहा ना करने ची धारती गिहे, ओचा निर्णय सही छै।
जब तक कुई असतरी चा मोणस जीता रिहे तब तक वा ब़झली आली छै। पर जिसे बेले विचा मोणस मरती जाये तां जाये लारे चाहो बीहा कर सग़े, पर जरुरी छै कि ओ मर्द वी प्रभु मां विश्वासी ही हो।
पर मैं कुंवारा ते बांढीया चे बारे मां किहे पला कि वांचे वास्ते इसड़े ही रेहणे आच्छे छै जिसड़ा मैं छै।
बीहा ची बात सम्मानित रिहो ते बीहा चे बीछाणे निष्कलंक रिहो, कांकि नरीकार व्यभिचारीया ते परअसतरी गामीया चा न्यां करी।