ते का वा जको आच्छी हुती, माये वास्ते मौत ठहरली? कङी वी कोनी। पर पाप वे आच्छी चीजे चे जरिये, माये वास्ते मौत नु पैदा करने आला हुला कि ओचे पाप हुवणे प्रकट हो, ते आज्ञा जरिये पाप ब़ोहत ही पापमय ठहरे।
तां अम्ही का किहुं? का व्यवस्था पाप छै? कङी वी कोनी! बल्कि बिना व्यवस्था चे मैं पापा नु ना पिछाणी, व्यवस्था अगर ना किहा कि, “लालच ना कर” तां मैं लालच नु ना जाणेहा।
का तम्ही ना जाणा कि तम्चे शरीर पवित्र आत्मा चा मन्दर छै जको तम्चे भीतर बसला आला छै ते तम्हानु नरीकारा चे तरफु मिड़ला आला छै? तम्हानु तम्चे उपर अधिकार कोनी।
तां कां व्यवस्था नरीकारा चे वायदे चे विरोध मां छै? कङी वी ना हो, कांकि अगर नियम इसड़ा ङिला जईया जको जीवन ङे सग़ीया तां सच्चमां धार्मिकता व्यवस्था लारे ही हुवीया,
पर यूं ना हो कि मैं नेरी कुई बाते चा घमण्ड करे, सेर्फ अम्चे प्रभु ईशु मसीह चे क्रूसा चा, जाये जरिये संसार माई नजरी मां ते मैं संसारा ची नजरी मां क्रूसा उपर चढ़ाला गेला