3 पर माई नजरी मां हा ब़ोहत छोटी बात छै, कि तम्ही जा इन्साना चा कुई न्यांयी मनु परखो, बल्कि मैं आप ही आपणे आप नु ना परखी।
मुँह ङेखती कर न्यां ना करा, पर ठीक-ठीक न्यां करा।”
सेर्फ ओ, जको आत्मिक छै, हर हेक बाते ची परख करे, पर ओ आप काये कनु परखला ना जई।
तां हर-हेक चे काम प्रकट हुती जई, कांकि ओ न्यां चा ङिओ ओनु बावड़ी, ऐवास्ते कि जाखते लारे प्रकट हुवी ते ऊं जाखते हर-हेक चे कामा नु परखी कि किसड़े छै।
भण्डारी नु विश्वासयोग हुवणे जरुरी छै।
कांकि माये मन मनु कुई बाते मां दोषी ना ठहरावी, पर ऐचे कनु मैं निर्दोष ना ठहर सग़ी, कांकि माया परखणे आला प्रभु छै।