ईशु ने विनु केहले, “अगर तु नरीकारा चे वरदाना नु जाणीया तां ईं वी जाणीया कि ऊं कूण छै जको तनु किहे ‘मनु पाणी पीला,’ तां तु ओकनु मांगीहा ते ओ तनु जीवन चे पाणी ङिया।”
पर जको कुई ओ पाणीया महु पिही जको मैं ओनु ङिही ओह बल्ति कङी तरसेला नी रिही। पर जको पाणी मैं ओनु ङिही ओचे महु हेक स्रोत बणती जई जको अनन्त जीवन तक उमड़ता रिही।”
कांकि जिसे बेले हेक इन्सान आदम चे अपराधा चे वजह मौत ने ओ हेके ही चे जरिये राज़ करला, तां जको लौक अनुग्रह ते धर्मरूपी वरदान बहुतायात लारे पावी वे हेक इन्सान ईशु मसीह चे जरिये जरुर ही जीवन उपर राज़ करे।
तां मसीह चे लुहीं, जेह्णे आपणे आप नु अनन्त आत्मा चे जरिये खौद्द नु नरीकारा चे सामणे निर्दोष बलि चे रूपा मां भेंट करती ङिले, जीते नरीकारा ची सेवा वास्ते तम्चे विवेक नु मरले आले कामा कनु शोद्ध किवें नी करी?
ते ङुजे स्वर्ग़दूता ने आपणा मुंगर समुन्दरा मां रेड़ला, ते समुन्दरा चे पाणी मरला आला बन्दा चे लुहींया आलीकर बणती गेले, ते समुन्दरा मां रेहणे आले हर-हेक जीव-जन्तु मरती गेले।
बल्ति ओ स्वर्ग़दूता ने मनु बिल्लौर जिसड़ी शीशे आलीकर झलकती हुली, जीवन चे पाणीया ची नदी ङिखाणली। जको नरीकार ते मैमणे चे सिंहासन कनु निकलती कर ओ शहरा ची सड़के चे आधी मां बेहती।
ते पवित्र आत्मा, ते बीन्दणी ङोनी किही, “आ!” ते सुणने आला वी किहो कि, “आ!” जको तरसेला आला हो, ओ वी आओ। ते जको कुई चाहवे ऊं वी जीवन चे पाणी नु यूंही गिहो।