41 सूरजा चा तेज होर छै, ते चाँदा चा तेज होर छै, तारागण चा तेज होर छै, कांकि हेक तारे कनु ङुजे तारे चे तेज मां फर्क छै।
ओणे ओनु केहले, ‘तु वी पाँच शहरा उपर हाकिम हुती जा।’
देह स्वर्ग़ीय वी हुवे ते शरीरिक वी, स्वर्ग़ीय देह चा तेज अलग़ हुवे ते शरीरिक देह चा अलग़।
मुड़दा चे जीते उठणे वी इसड़े ही छै। शरीर नाशवान दशा मां राहले जाये ते अविनाशी रूपा मां जीते उठे।