“ऐवास्ते चौकस रेहजा, कङी इसड़े ना हो कि तम्चे मन हठीले, ते नशेबाज, ते ऐ जीवना ची चिन्ता लारे सुस्त हुती जाये, ते वे ङिहें तम्चे उपर फन्दे चे समान अचानक आती पड़ो।
ते वे चैला चे मना नु मजबूत करते रेहले ते हा उपदेश करते कि विश्वासा मां बणले रिहा, ते ईं केहते कि, “अम्हानु बङे क्लेश भोग़णे जरुरी छै नरीकारा चे राज़ मां जाणे वास्ते।”
येही वजह मैं ऐ कैदखाने चे ङुखा नु चवे पला, पर शर्म ना करी, कांकि मैं ओनु जाये उपर मैं विश्वास करला, जाणे पला, ते मनु पक्के छै कि जको मनु सोंपला गेला ओ आखरी ङिओ तक रखवाली करी।