25 कि शरीरा मां कुई फूट ना पड़ो, पर हर अंग हेके ङुजे चा ध्यान राखो।
बल्ति वी अम्चे शोभामान अंगा नु ऐची कुई जरुरत कोनी पर नरीकारा ने शरीरा नु इसड़े बणाले ङिले कि जिसे अंगा नु कमी हुती ओचा होर वी ब़ोहत कद्दर हो।
ऐवास्ते अगर हेके अंगा नु ङोख आवे तां ओचे लारे सारे अंग नु ङोख हुवे। अगर हेके अंग ची बढ़ाई हुवे तां ओचे लारे सारे अंग खुशी मनावी।
कांकि तम्ही हमा तक संसारिक छिवा। ऐवास्ते कि जब तम्चे मां जलन ते झग़ड़े छी तां का तम्ही संसारिक कोनी? तां का संसारिक इन्साना ची रीति उपर ना चला?
हमा, हे माये भऊ, तम्ही खौश रिहा। सेद्ध बणते जावा, तसल्ली राखा, हेक मन राखा, मेल-मिलाप लारे रिहा, ते प्रेम ते शान्ति चा दाता नरीकार तम्चे लारे रिही।
बल्ति मैं जको तम्चे वास्ते चिठ्ठी लिखली हुती, वा ना ऐवास्ते लिखली, जेह्णे अन्याय करला, ते ना ओची वजह कनु जाये उपर अन्याय करला गेला, पर ऐवास्ते कि तम्ची चिन्ता जको अम्चे वास्ते छै, वा नरीकारा चे सामणे तम्चे उपर उजागर हुती जाओ।
नरीकारा चा धन्यवाद हो, जेह्णे तम्चे वास्ते वाहो उमंग तीतुस चे मना मां नाखती ङिली जको अम्चे मना छै।