21 आंख हाथा नु ना केह सग़ी, “मनु तम्ची कुई जरुरत कोनी,” ते ना ठोङ पग़्ग़ा नु केह सग़े, “मनु तम्ची जरुरत कोनी।”
सारे शरीर आंख ही हुवीया, तां सुणने किठु हुवीया? अगर सारे शरीर कान हुवीया, तां सूंघणे किठु हुवीया?
पर हमा अंग तां ब़ोहत से छी, पर शरीर हेक ही छै।
पर शरीरा चे अंग जको नेरा कनु कमजोर ङिसी, वे ब़ोहत ही जरुरी छी।