15 पर अगर असतरी लम्बे माल राखो तां विचे वास्ते शोभा छै कांकि माल विनु ओढ़णे वास्ते ङिले गेले।
का सुभाविक रीति लारे तम्ही ना जाणा, कि अगर मर्द लम्बे माल राखो तां ओचे वास्ते अपमान ची बात छै?
पर अगर कुई विवाद करना चाहवे, तां ईं जाणो कि ना अम्चे तरफु ते ना नरीकारा ची कलीसिया ची इसड़ी रीत छै।