10 ऐवास्ते स्वर्ग़दूता ची मोजुदगी चा ध्यान राखते हुले असतरीया वास्ते वाजिब छै कि वे आपणी अधीनता चा प्रतीक आपणे ठोङा नु ढकती कर राखो।
“ङेखा, तम्ही यां छोटा महु कानु वी तोच्छ ना जाणा, कांकि मैं तम्हानु किहे पला कि स्वर्ग़ा मां वांचे स्वर्ग़दूत माये स्वर्ग़ीय ब़ा नरीकारा चे मुँह सदा ङेखी।
तां वी प्रभु मां ना तां असतरी मर्दा कनु ते ना मर्द असतरी कनु दूर हो सग़े।
मर्दा नु असतरी वास्ते कोनी बणाले गेले, पर असतरी नु मर्दा वास्ते बणाले गेले।
का सारे स्वर्ग़दूत सेवा वास्ते चुणले आलीया आत्मा कोनी छी कि वे वांची सेवा करो, जको उद्धार गेहणे आले छी?