28 पर अगर कुई तम्हानु किहे, “हा तां मूर्ति नु चढ़ाली आली चीज छै,” तां विनु ना खाजा, जेह्णे तम्हानु ईं बावड़ले ओचे विवेक ची भलाई वास्ते।
अगर दुधा भऊ दुधे खाणे ची वजह उदास हुवे तां, बल्ति तु प्रेम ची रीति उपर कोनी चली पला, जाये वास्ते मसीह मरला, ओनु तु आपणे खाणे चे जरिये नाश ना कर।
कांकि पवित्रशास्त्र मां लिखले आले छै कि, “धरती ते धरती चे उपर जको कोच्छ वी छै सब कोच्छ प्रभु चे ही छै।”
पर सब नु हा ज्ञान कोनी। पर कई लौक हमा तक मूर्ति नु ईश्वर समझती कर बलि ची चीज नु खई, तां वे सोची अम्ही अशुद्ध हुती गेले कांकि वांचा विवेक कमजोर छै।
पर चौकस रिहा। इसड़े ना हो कि तम्ची हा आजादी किठी कमजोरा वास्ते ठोकर ची वजह ना बणती जाओ।