15 मैं तम्हानु ब़ुध्दिमान जाणती कर तम्हानु किहे पला, जको मैं किहे पला ओनु तम्ही परखा।
ऐवास्ते, हे माये प्यारे, तम्ही मूर्तिपूजा कनु बचले रिहा।
ओ धन्यवाद चा मुंगर, जानु अम्ही धन्यवाद करु का ओ मसीह चे लुहींया मां अम्ची भईवाली कोनी? वा रोटी, जको अम्ही आपस मां भान्ती कर बांटु का मसीह चे शरीरा मां अम्ची भईवाली कोनी?
तम्ही खौद्द विचार करा। का बिना ठोङ ढकले असतरी नु नरीकारा कनु प्राथना करने शोभा ङिये?
हे माये भऊ, तम्ही समझदारी मां ब़ाले ना बणा। बल्ति वी बुराई मां तां ब़ाले रिहा, पर समझदारी मां सियाणे बणा।
अम्ही मसीह वास्ते बेवकूफ ङिसु, ताकि तम्ही मसीह मां ब़ुध्दिमान बणा, अम्ही कमजोर छियुं पर तम्ही ताकतवार छिवा। तम्हानु कद्दर मिले, पर अम्ची बेकदरी हुती जाये।
मैं तम्हानु कायल करने वास्ते ईं किहे पला। का सच्चमां तम्चे महु हेक वी दिमाकदार कोनी जको आपणे भावां चा न्यां कर सग़ो?
हमा मूर्तिया नु चढ़ाली आली चीजा चे बारे मां जाणु कि, “अम्हा सब नु ज्ञान छै।” ज्ञान अम्हानु घमण्डी बणावे पर प्रेम लारे बढोतरी हुवे।
सारीया बाता नु परखा, जको आच्छीया छी वानु मजबूती लारे पकड़ली रिहा।