35 कौन बाकै कहु कछु दई है, ताकी बाकै बापस भुगतान करन पड़ै?”
35 और, कौन बक कोइ उपहार दइ हए और परमेश्वर बाके फिर्ता देबए?”
का मोकै अपनी रुपईया से अपनी जरुरत के इच्छा के अनुसार देन को अधिकार ना है? या का तुम जलथौ काहैकि मैं अच्छो हौं?’”
तुमकै दूसरे से बड़ो कौन बनाओ? का परमेस्वर तुमकै बौ सब कछु ना दई जो तुमरे पास है? ठीक है, तौ, तुम कैसे भेद-भाव कर सकथौ, जैसे कि तुमरे पास कोई उपहार नाय है?