नाय तौ अगर तैं आत्मा से ही धन्यवाद करैगो, तौ फिर बगैर आसीस को आदमी तेरे धन्यवाद मैं “आमीन” कैसे कहेगो? काहैकि बौ तौ जानतै नाय है कि सच मैं तैं का कहरौ है।
और संग मैं सिंहासन के सामने मानौं बिल्लौर के हानी दरपन के जैसो समुंदर है, और सिंहासन के बीच मैं और सिंहासन के चारौ घाँईं चार जीव हैं, जिनके अग्गु और पच्छू आँखिये आँखी हैं।
फिर मैं एक मेम्ना कै सिंहासन के बीच मैं ठाड़ो देखो, जो चारौ जीव और बड़े-बूढ़ेन से घिरो भौ रहै। ऐसो लगत रहै कि मेम्ना मारो गौ रहै। बाके सात सींग और सात आँखी रहैं, जो परमेस्वर की सात आत्मा हैं जो पूरी पृथ्वी मैं भेजी गई हैं।
जैसिये बौ किताब लई, चारौ जिंदे जीव और चौबीस बड़े-बूढ़े मेम्ना के अग्गु गिर पड़े। हर एक के हात मैं वीड़ाँ और लोहबान धूप से भरे सोने के कटोरा रहैं, जो परमेस्वर के पवित्र लोगन की प्रार्थना है।