20 सहर के बाहर, अंगूर कै दाखरस के कुंड मैं निचोड़ो गौ, और दाखमधु के कुंड से इतनो खून निकरो, कि लमसम पाँच फिट गहरो और तीन सौ किलो मीटर ले लम्बो और घोड़न की लगाम ले पुहिगौ।
और उनकी लास बौ बड़े नगर के चौहराय मैं पड़ी रैहंगी, जो आत्मिक रीति से सदोम और मिस्र कहो जाथै, जहाँ उनको प्रभु भी क्रूस मैं चढ़ाओ गौ रहै।