पर बौ अपने मन मैं आँह भरी और कही, “जौ समय के आदमी पता नाय काहेकै, कोई चिन्ह ढूँड़त फिरथै? ईसु उनसे कही मैं तुमसे सच्ची कहथौं हबै के आदमिन कै कोईये निसानी नाय दई जागी।”
जो बे कहेत रहैं बौ जानकै ईसु कही, “तुम काहे रोटी नाय होन मैं एक दुसरे से बतकाथौ? का तुम हबै तक नाय जान और समझपाए हौ? का तुमरो मन इत्तो कर्रो हुई गौ है?
ईसु बासे कही, “फिलिप्पुस, मैं इत्ते दिनन से तुमरे संग हौं, और का तैं मोकै नाय जानथै? जो मोकै देखो है बौ दऊवा कै देखी है। तैं काहे कहरौ है कि दऊवा कै हमकै दिखा?