23 जे बातैं मन के भीतर सेई निकरथैं और इंसानन कै असुद्ध करथैं।”
23 जे सब खराब बात हृदयसे निकरत हएं, और आदमीके अशुद्ध करत हएं।”
ऐसी कोई चीज हईये नाय जो इंसानन कै बाहर से भीतर जाएकै गंदो करै, बल्किन जो चीज इंसानन के भीतर से निकरथै, बहे बाकै गंदो करथै।”
तौ बौ उनसे कहेन लगो कि “तुम्हऊँ ना समझपाए का? का तुम ना जानथौ? कि जो चीज इंसान के भीतर जाथै, बासे बौ असुद्ध ना होथै।
फिर बौ कहेन लगो, “जो कछु इंसानन के भीतर से निकरथै, बहे से बौ गंदो, होथै।
व्यभिचार, लालच, सबै तरहन के बुरे काम, छल-कपट, असलीलता, चिड़नो, बदनामी करनो, गुमान करनो, और मूर्खता की बात निकारनो।
फिरौंकी ईसु उतै से सूर नाओं के देस मैं आओ; और एक घर मैं चले गौ, पर बौ ना चहात रहै कि कोई बाकै देखै; लेकिन बौ अपने आपकै लुकाईये ना पाई।
अगर कोई परमेस्वर के मंदिर कै खतम कर देगो तौ परमेस्वर बाकै खतम कर देगो; परमेस्वर को मंदिर पवित्र है, और बौ तुम हौ।
सुद्ध इंसानन के ताहीं सब कछु सुद्ध है, लेकिन भ्रस्ट अविस्वासी के ताहीं कुछ भी सुद्ध नाय है, बल्किन उनके मन और बुद्धि दोनों असुद्ध हैं।
बैसिये जे लोगन के भी दर्सन होथैं, जो अपनेई सरीर के खिलाप पाप करन के ताहीं उनकै असुद्ध करथैं; बे परमेस्वर के अधिकार कै मामूली समझथैं और बाके गौरवसाली स्वर्गदूतन की बुराई करथैं।