जौ देखकै सब जनी चौहोंक गै, और सब आपस मैं बहस करन लग्गै, “कि जौ का बात है? जौ तौ अनोखो उपदेस है! बौ तौ अधिकार से प्रेत आत्मा कै आग्या देथै, और प्रेत आत्मा बाकी बात मानथैं।”
और बौ उठो, और तुरंतै अपनी खटिया उठाएकै सबन के अग्गु से निकरकै चले गौ। ऐसो देखकै सब चौहोंक गै, और परमेस्वर की बड़ाँईं करन लागे, और कहेन लागे, “हम ऐसो होत भौ कहुए नाय देखे।”
हुँआँ के आदमी बड़ा अचम्मो करकै कहेन लगे, “बौ जो कछु करी है अच्छोई करी है; बौ बहरन कै जो पहले सुन ना पात रहैं सुनन लगे, और गूँगा जो बोल ना पात रहैं बोलन लगे।”