28 तभईये, इंसानन को लौड़ा साबत के दिन को भी मालिक है।”
28 जहेमारे मए आदमीको लौंणाके अइसो कहान अधिकार हए, कि यहूदीनको पबित्र दिनमे आदमीके का करन अनुमति हए।”
काहैकि इंसान को लौड़ा साबत के दिन को भी प्रभु है।”
तौ बौ उनसे कही, “साबत को दिन आदमिन के ताहीं बनाओ गौ है, जौ न कि आदमी साबत के दिन ताहीं।
ईसु फिर सभाघर मैं गौ, और हुँआँ एक आदमी रहै, जोके हात मैं फालिस मार दई रहै,
फिर बौ लोगन से पूँछी, “हमरो नियम साबत के दिन का कहथै? अच्छो करन ताहीं, कि बुरो करन ताहीं? कोई की ज्यान बचान ताहीं या मारन ताहीं?” पर बे सब चुप रहे।
और ईसु हल निकारकै उनसे कही, “इंसान को लौड़ा साबत के दिन को प्रभु है।”
जौ बात मैं ईसु उनसे कही, “मेरो दऊवा हबै तक काम करथै, और महुँ काम करथौं।”
जो दिन ईसु मट्टी मांड़कै बाकी आँखी खोली रहै बौ साबत को दिन रहै।
जौ सब सुनकै बहोत से फरीसी कहेन लागे, “जौ इंसान परमेस्वर की घाँईं से नाय है, काहैकि बौ साबत को दिन मानतै नाय है।” और जनी कहीं, तौ “पापी इंसान कैसे ऐसे चिन्ह दिखाए सकथै?” और उनमैं फूट पड़ गई।
और सबै कछु बाकी पाँव तरे कर दई; और बाकै सबै चीजन ऊपर मूड़ बनाये कै कलीसिया कै दै दई।
प्रभु के दिन मैं पवित्र आत्मा मोए काबू कर लई, और मैं एक बड़ा जोड़न से अबाज सुनो, जो एक तुरहई की अबाज के तराहनी लगत रहै, जो मेरे पच्छू बोलत रहै।